Friday, 23 June 2017

दांतों की बीमारियों का आयुर्वेदिक उपाय

दांतों की बीमारियों का आयुर्वेदिक उपाय.

दांत हमारे शरीर में महत्वपूर्ण चीज़ों में से एक है। अगर व्यक्ति के दांत न हो तो मानो ऐसा हो के बिना पेट्रोल के गाड़ी। दांत महत्वपूर्ण होते है इसीलिए इनमे होने वाली बीमारियों का इलाज़ भी महत्वपूर्ण होता है। दांतों में कई तरह की बीमारियाँ हो सकती है।
दांतों की बीमारियों में मुख्यतया: पायरिया, मसूड़े फूलना, मसूड़ो से खून आना, दांत में दर्द होना आदि। इन सभी बीमारियों का इलाज़ अगर वक़्त रहते नहीं किया जाता तो परिणाम भयंकर हो सकते है। इसलिए हम दांतों की सभी प्रकार की बीमारियों का आसान और पूरी तरह से प्राकृतिक इलाज़ लेकर आये है जिनसे दांतों की तमाम बीमारियों में आपको राहत मिलेगी।
दांतों की बीमारियों का आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपाय – 
सैंधा नमक मैदे की तरह बारीक पीस कर कपड़-छान कर लें। ध्यान रहे, रड़के नहीं। ऐसा नमक दो ग्राम हथेली पर रखकर उसमें चार गुना सरसों का तेल डाल दें। फिर हथेली को टेढ़ी कर तेल की बूंदों से उंगली से मसूड़ों की हल्केहल्के भली प्रकार मालिश रोजाना प्रातः करे। खून निकले तो निकलने दीजिए।
कुछ देर नमकीन तेल की मसूड़ों पर मालिश करते रहने के पश्चात् तेल-भीगा बचा नमक दांतों-दाढ़ों पर लेप की तरह उंगली से लगा कर थोड़ा रगड़कर फौरन सादे या गुनगुने पानी से कुल्ले कर लें।
उपरोक्त विधि से कुछ दिन लगातार दांत साफ करते रहने से दांतों का ठंडा, गर्म और खट्टा लगना समाप्त हो जाता है। हिलते दांत सुदृढ़ हो जाते हैं। काली पपड़ी नहीं जमती। दांत साफ और मजबूत होते हैं। दांतों के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। दांत का दर्द और मसूड़ों की सूजन और टीस मिट जाती है तथा फूले मसूड़ों से खून निकलना बन्द हो जाता है। निरन्तर ऐसा करने से पायरिया नष्ट हो जाता है और दातों के समस्त रोगों से बचाव हो जाता है।
विशेष- इस मंजन का नित्य प्रातः करने से न पायरिया होता है, न दांत हिलते हैं और न मसूड़े फूलते हैं।
इस प्रयोग के साथ-साथ चाहे तो आप सोने से पहले नर्म टूथब्रश और किसी अच्छे पेस्ट से भी दांत साफ कर सकते हैं। ध्यान रहें, टूथब्रश को मसूड़ों से दांतों की तरफ लाते हुए टूथब्रश करें।
विकल्प-
  • एक कप पानी में आधा चम्मच सेंधा नमक मिलाकर नित्य सोने से पहले कुल्ला करने से दांतों के हर प्रकार के रोगों से बचाव होता है।
  • रात को नमक के पानी से गरारे करने तथा सुबह नीम की दातुन नियमित करते रहने से दांतों का कोई रोग नहीं होता।
  • सरसों के तेल में सेंधा नमक के स्थान पर बारीक हल्दी का चूर्ण मिलाकर दांतों पर नित्य सोने से पहले मलने से पायरिया तथा दांतों की कई तकलीफें जैसे-दांत व मसूड़े दर्द करना, उनसे खून आना, दांतों में ठंडा पानी लगना आदि में कुछ ही सप्ताह के प्रयोग से आश्चर्यजनक लाभ मालूम होने लगता है।
सहायक उपचार-
  • मल-मूत्र त्यागते समय सदैव ऊपर नीचे के पातों को भींच कर रखने से दांत जीवन भर नहीं हिलते।
  • अधिक गर्म और ठण्डे पदार्थों के सेवन से बचे। गर्म खाना खाने के ऊपर फ़िज़ का ठंडा या बर्फ का पानी न पीएँ।
  • आधा गिलास पानी में आधा नीबू निचोड़ कर दिन में दो बार एक सप्ताह तक पीएँ।
  • दन्तशूल-अगर दांतों में अचानक दर्द उठे तो अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े (छिलका उतारकर) पीड़ित दांतों के बीच दबाने एवं ररा चूसने से कई तरह के दांतों के दर्द मिटते हैं।

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