बँधयातत्व नासक रोग। ..
शिवलिन्नी बीज -100 ग्राम
पुत्रजीवक गिरी - 100 ग्राम
दोनों को समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनाये। एक चौथाई चमच सुबह -शाम
नाश्ते व खाने से पूर्व गाये के दूध से ले।
कुछ ही समय के नियमित सेवन से बँधयातत्व में लाभ मिलता है।
जिन स्त्रियो को बार बार गर्भपात होता है ,उनका गर्भपात होना रुक जाता है।
(डॉक्टर से परामर्श ले )
शिवलिन्नी बीज -100 ग्राम
पुत्रजीवक गिरी - 100 ग्राम
दोनों को समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनाये। एक चौथाई चमच सुबह -शाम
नाश्ते व खाने से पूर्व गाये के दूध से ले।
कुछ ही समय के नियमित सेवन से बँधयातत्व में लाभ मिलता है।
जिन स्त्रियो को बार बार गर्भपात होता है ,उनका गर्भपात होना रुक जाता है।
(डॉक्टर से परामर्श ले )
No comments:
Post a Comment