बरगद का दूध चमत्कारी औसध
बरगद के दूध का प्रयोग:- बरगद के पेड़ को तो सभी जानते हैं दोस्तों भारत में कई जगह इसको वट वृक्ष कहा जाता है और अंग्रेजी इसे Banyan Tree बोलते हैं इस पेड़ में बढे चमत्कारी गुण मौजूद हैं और इसका पेड़ का तना, उसकी छाल और, पत्ते, और फल यहाँ तक की इसका दूध सब बहुत ही काम के चीज़ें हैं यहाँ इस पोस्ट में हम आपको आज बता रहे हैं के बरगद के दूध का प्रयोग कैसे करें और शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, मरदाना कमज़ोरी, शारीरिक व यौन दुर्बलता को कैसे दूर करें.
बरगद के पेड़ के बारे में जानकारी और इसका महत्व
बरगद के पेड़ का परिचय :- दोस्तों भारत में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो बरगद के पेड़को न जानता हो लगभग सभी ने इसको देखा हुआ है हमारे भारत में इसको वट वृक्ष, और बढ़ के नाम से भी जानते हैं और इस पेड़ को हमारे यहाँ बहुत पवित्र माना गया है। विशेषतौर पर बरगद के पेड़ को पर्व या तीज, त्यौहार पर इसकी पूजा की जाती है।
बरगद के दूध का प्रयोग कैसे करें – How To Use Banyan Milk With Batasha
बरगद के फल, तना और छाल, यहाँ तक के दूध भी बहुत काम आते हैं ये औषधीय गुणों से भरपूर हैं और बरगद के दूध का प्रयोग कैसे कर्रें ये हम इस पोस्ट में आपको बताएँगे. वट वृक्ष का दूध प्रयोग करने से आपकी शारीरिक का यौन दुर्बलता समाप्त होती है व वीर्य के विकार और स्वप्नदोष में भी बहुत फायदा मिलता है और साथ साथ आपकी स्तभ्न शक्ति भी बढ़ जाती है.
जिनको शारीरिक कमज़ोरी है या स्वप्नदोष की शिकायत रहती है और वीर्य पतला हो उन्हें बरगद के दूध का सेवन सुबह खली पेट करना चाहिए बताशे पर ५-६ बूँदें दूध की टपका लें और फिर खा लें इस तरह से आप 5 से 7 बताशे रोज़ खा सकते हैं. इसके प्रयोग से आपके सम्भोग करने की शक्ति भी बढ़ती है बरगद के पेड़ के बहुत फायदे हैं और स्त्री रोगों में भी ये गजब का काम करता है उसके लिए आप निचे पढ़ें.
बरगद के पेड़ का प्रयोग बहुत से रोगों में लाभकारी है
बरगद का पेड़ कसैला , शीतल, मधुर, और पाचन शक्तिवर्धक, भारी, पित्त, कफ (बलगम), व्रणों (जख्मों), धातु (वीर्य) विकार, पेशाब की जलन, योनि विकार, ज्वर (बुखार), वमन (उल्टी), विसर्प (छोटी-छोटी फुंसियों का दल) तथा शारीरिक और यौन दुर्बलता को खत्म करता है। यह दांत के दर्द और स्तन की शिथिलता (स्तनों का ढीलापन), रक्तप्रदर, श्वेत प्रदर (स्त्रियों का रोग), स्वप्नदोष, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, बहुमूत्र (बार-बार पेशाब का आना), अतिसार (दस्त), बेहोशी, योनि दोष, गलित कुष्ठ (कोढ़), घाव, बिवाई (एड़ियों का फटना), सूजन, वीर्य का पतलापन, बवासीर, पेशाब में खून आना आदि रोगों में गुणकारी है.
काम शक्ति बढ़ाने में बरगद के पेड़ का प्रयोग
काम शक्ति बढ़ाने में भी बरगद के पेड़ का प्रयोग ऐसे करें और इसके साथ ही बहुत से रोगों में भी ये लाभकारी है यहाँ पढ़ें कुछ रोगों का इलाज. लगभग 50 ग्राम बरगद की ताज़ी कोपलें (मुलायम पत्तियां) इनको लेकर आप 250 मिलीलीटर पानी में जब तक पकायें जब एक चौथाई पानी बचे इसके बाद इसे मतलब उस पानी को छानकर आधा किलो दूध में डालकर पकायें. अब इसमें आप लगभग 10 ग्राम ईसबगोल की भूसी और 10 ग्राम शकर मिलाकर पिएं आप देखंगे के सिर्फ 7 दिन तक इसको पीने से आपका वीर्य कितना गाढ़ा हो गया है और आपकी कामशक्ति में जबरजस्त बढ़ोत्तरी हुयी है.
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