Saturday, 22 July 2017

हार्निया का उपचार जाने

हार्निया का उपचार जाने 



हार्निया का उपचार  आमतौर पर हार्निया होने का कारण पेट की दीवार का कमजोर होना है | पेट और जांघों के जोड़ वाले भाग में जहां पेट की दीवार कमजोर पड़ जाती है वहां आंत का एक गुच्छा उसमें छेद बनाकर निकल आता है | आंत का कुछ भाग किसी अन्य भाग से भी जहां पेट की दीवार कमजोर होती है, बाहर निकल सकता है | परंतु ऐसा बहुत कम होता है | आंत का गुच्छा बाहर निकलने से उस स्थान पर दर्द होने लगता है | इसी को हार्निया अथवा आंत्रवृद्धि कहते हैं |

हार्निया का कारण Causes of Hernia

अत्यधिक श्रम, अपनी शक्ति से अधिक भारी वस्तु उठाना, निरंतर खांसते रहना अथवा शौच के समय मल त्यागने के लिए जोर लगाने से भी हर्निया हो जाता है | अधिक मोटे व्यक्ति को पेट पर अधिक जोर डालने से भी हार्निया होने की संभावना रहती है | ऑपरेशन होने के बाद भी हार्निया होने की संभावना रहती है | गर्भावस्था में पेट पर जोर पड़ने से भी हार्निया हो सकता है | परंतु यह रोग सामान्यतया पुरुषों को अधिक होता है |

हार्निया के लक्षण Symptoms of Hernia

हार्निया की प्रारंभिक स्थिति में पेट की दीवार में कुछ उभार सा पैदा हो जाता है | इस आगे बढ़ी हुई आंत को धीरे से पीछे भी धकेला जा सकता है | परंतु इसे अधिक जोर लगाकर पीछे धकेलने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए |

हार्निया का घरेलू उपचार Hernia Ka ilaj in Hindi

1. यदि आगे बढ़ी आंत को आराम से पीछे धकेलकर अपने स्थान पर पहुंचा दिया जाए तो उसे उसी स्थिति में रखने के लिए कसकर बांध दिया जाता है | यह विधि कारगर न हो सके तो ऑपरेशन करना पड़ता है |
2. हार्निया के रोगी के लिए आवश्यक है कि वह कब्ज न होने दे वर्ना मल त्यागते समय उसे जोर लगाने की आवश्यकता पड़ेगी |
3. अपच होना भी हार्निया के रोगी के लिए हानिकारक है |
4. पेट यदि बहुत बढ़ा हुआ हो तो उसे भी घटाने का प्रयत्न करना चाहिए |
5. अरंडी के तेल को एक कप दूध में डालकर पीने से हर्निया ठीक हो जाता है | इसका प्रयोग एक मास तक करें |
6. टमाटर का रस, थोड़ा नमक और कालीमिर्च मिलाकर प्रात:काल पीने से जहां अन्य अनेक लाभ होते हैं वहीं हर्निया ठीक होने में भी सहायता मिलती है |
7. कॉफी के प्रयोग से भी बढ़ी हुई आंत का फोड़ा ठीक हो जाता है |

Friday, 21 July 2017

आँखों के काले घेरों से छुटकारा पाएँ

  आँखों के काले घेरों से छुटकारा पाएँ


आँखों के नीचे काले घेरे महिलाओं और पुरुषों दोनों में आम शिकायत है, हालाँकि कभी-कभी ये बच्चों में भी दिखाई पड़ते हैं। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है, त्वचा पतली होती है और कोलेजन की क्षति होती है, जिससे कभी-कभी आँखों के नीचे की रक्तवाहिनियाँ दिखाई देने लगती हैं जिस के कारन त्वचा गहरी दिखाई पड़ने लगती है।

काले घेरे होने का कारन किया है?

यह अनुवांशिकता, जीन, थकावट और शरीर में जल की कम मात्रा का मिला-जुला रूप है, लेकिन लम्बे समय तक बने रहने वाले काले घेरों को उत्पन्न करने का सबसे बड़ा कारण है भारतीय जनता की जातीय प्रकृति के कारण त्वचा में होने वाला पिगमेंट का अधिक जमाव। धूप की चपेट काले घेरों की संभावना को बढ़ाती है। 

इसके साथ ही, काले घेरों का सम्बन्ध फैली हुई रक्तवाहिनियों और बढ़ती हुई उम्र से होता है – जिसके कारण त्वचा पतली होती है और क्षेत्र को गहरा कर सकती है। दुर्भाग्यवश, इन्हें पूरी तरह मिटा पाना संभव नहीं है। हालाँकि आप इनके प्रभावों को कम कर सकते हैं और उनके उत्पन्न होने के कारणों को जानकर तथा उचित उपाय ढूँढकर काले गहरे घेरों से छुटकारा पा सकते हैं।

काले घेरों का इलाज कैसे करें?

  • बचाव:एसपीएफ़ 30 के सनस्क्रीन का प्रतिदिन उपयोग करें। नीचे आधार पर मॉइस्चराइजर और उसके ऊपर कंसीलर लगाकर भी सुरक्षा परत का कार्य लिया जा सकता है।
  • आहार सम्बन्धी परिवर्तन:यदि आपको काले घेरों के साथ फूली हुई आँखें भी रहती हैं तो नमक का कम सेवन, सूजन को कम करने में मदद करता है।
  • आँखों को मसलें नहीं, क्योंकि मसलना धब्बों का रंग गहरा करता है।
  • आँखों को चमकाने वाले तत्व का प्रयोग हर रात्रि करने से आँखों के आस-पास की रेखाएँ कम होती हैं और काले धब्बों से धीरे-धीरे छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
  • केमोमिल टी, पीने के बाद, इसके बैग को ना फेकें। इन्हें ठन्डे होने के लिए फ्रीज में रख दें और सप्ताह में तीन बार 10-10 मिनट के लिए अपनी आँखों पर रखें, जिससे आपको काले घेरों से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।
  • आलू में प्राकृतिक रूप से स्वच्छ करने के गुण होते हैं जो काले घेरों को हल्का करने में मदद करते हैं। ये आँखों के आस-पास के फूलेपन से छुटकारा पाने में भी मदद करते हैं।
  • यदि बाकी सब उपचार असफल हो जाते हैं तो त्वचा रोग विशेषज्ञ की सलाह ली जानी चाहिए और आँखों के निचले हिस्से के लिए उनके क्लिनिक में उपलब्ध उपचार किया जाना चाहिए

Thursday, 20 July 2017

शतावरी के चमत्कारी फायदे जाने

शतावरी के चमत्कारी फायदे जाने 


शतावरी का उल्लेख आयुर्वेद में किया जाता है, क्योंकि यह एक औषधीय पौधा है। इसका उपयोग कई रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। आज हम शतावरी के फायदे के बारे में आपको बताएंगे, लेकिन उससे पहले इसके गुणों के बारे में जानना भी आपके लिए अति आवश्यक हैं। शतावरी में ऐसे कई तरह के गुण होते हैं, जो हमारी हर बीमारी को ठीक कर सकते हैं। शतावरी एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। इसके फूल मंजरियों में एक से दो इंच लंबे एक या गुच्छे में लगते हैं। इसकी लता खूबसूरत होने के कारण लोग इसे अपने घरों के गमले में लगाना पसंद करते हैं।
आयुर्वेद के आचार्य के अनुसार शतावरी पुराने से पुराने रोगी के शरीर में रोग के खिलाफ लड़ने की क्षमता प्रदान करती है। आयुर्वेद में शतावरी की पत्तियों और जड़ों को शुक्रजनन, शीतल, मधुर और द्रिव्य रसायन माना जाता है। महर्षि चकर ने भी शतावर को बल्य और वय: स्थापक माना है। शोध में भी शतावरी की जड़ को ह्रदय रोगों के लिए प्रभावी मान चुके हैं।
शतावरी गुणों में भारी होने के साथ-साथ स्वाद में कड़वी व मधुर, रसायन गुणों में भरपूर वायु और पित्त नाशक, पुरुषों में शक्ति, स्त्रियों के स्तनों में दूध बढ़ाने वाली, नेत्र ज्योति, स्मृति, पाचन, बुद्दि बढ़ाने वाली, स्नायु रोग नाशक, गुर्दे की बीमारी आदि में लाभकारी होती है। आइये जानते है शतावरी के फायदे के बारे में।

शतावरी के फायदे

1. नींद न आने की समस्या

पूरी नींद लेना सेहत के लिए आवश्यक है। ऐसे में यदि आपको नींद को लेकर किसी तरह की परेशानी हैं तो शतावरी की जड़ को खीर के रूप में पका लें और इसमे थोड़ा गाय का घी डालें। इससे आप तनाव से मुक्त हो जायेगें और आपको अच्छी नींद भी आयेगी।

2. अतिरिक्त वजन कम करें

महिलाओं में मासिक के दौरान पानी की मात्रा अधिक लेने के कारण वजन अधिक बढने लगता है। ऐसे में यदि महिलाएं शतावरी का सेवन करती है तो वो अपने वजन को कम कर सकती है।

3. माइग्रेन

शतावरी की ताज़ी जड़ को लें और उसे मोटा मोटा कूट लें। अब इसका रस निकाल लें शतावरी का रस और बराबर मात्रा में तिल का रस लें और इसे पकाएं। इस मिश्रण का इस्तेमाल करने से माइग्रेन जैसे सिर दर्द में लाभ मिलता है।

4. ब्रेस्ट मिल्क बढाएं

प्रसूता माता को यदि दूध न आ रहा हो या फिर उसे दूध कम आ रहा हो, तब शतावरी की जड़ों का चूर्ण उसे दिन में कम से कम चार बार लेते रहना चाहिए।

5. मधुमेह

शतावरी के फायदे में एक फायदा यह है कि शतावरी मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद होती हैं। मधुमेह के रोगियों को शतावरी की जड़ों के चूर्ण का सेवन शक्कर युक्त दूध के साथ करना चाहिए।

6. शक्ति वर्धक

शतावरी हमारे शरीर को शक्ति प्रदान करता है। इसके लिए शतावरी के पत्तों का रस दो चम्मच दूध में मिलाकर पीना चाहिए।

7. पेशाब में खून

अगर आपके पेशाब में खून आता है तो आपको शतावरी का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। इससे आपके पेशाब में खून आने की समस्या ठीक हो जाएगी।

8. प्रदर रोग

नियमित रूप से तीन दिन तक शतावरी का चूर्ण लगभग पांच से दस ग्राम की मात्रा में शुद्द घी में डालकर चाटने से प्रदर रोग से मुक्ति मिल जाएगी।

9. बुखार और जलन

शतावरी ठंडी होने के कारण बुखार, जलन और पेट के अल्सर को दूर करने में सहायक होती है।

10. बीमारियों का नाश करे

यह ऐसी जडी बुटी है जो टाइफाइड, हैजा, बुखार ईकोलाई से लडती है। यह बैक्टीरिया शरीर में डायरिया और मतली पैदा करते हैं।

11. सुन्दरता निखारे

शतावरी में विटामिन ए मौजूद होता है जो हमारी त्वचा को सुंदर बनता है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से चेहरे की झुर्रियां साफ हो जाती है।

12. घाव भरे

शतावरी की पत्तियों की कलख बनाकर घाव वाले स्थान पर लगायें। इससे घाव जल्दी भरकर ठीक हो जाता है।

Wednesday, 19 July 2017

लौंग खाने के फायदे जाने

लौंग खाने के  फायदे जाने 


लौंग का प्रयोग सदियों से आयुर्वेदिक औषधियों के तौर पर किया जाता रहा है। लौंग कई तरह की गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्‍म कर सकता है। लौंग एक प्रकार का मसाला है। इस मसाले का उपयोग भारतीय पकवानो मे बहुतायत रूप में किया जाता है। अगर प्रतिदिन लौंग का अलग-अलग तरीके से सेवन किया जाए तो इससे आपको कई तरह की बीमारियों में लाभ मिलेगा। आज हम आपको लौंग खाने से दूर होने वाली उन 10 बीमारियों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे शायद आप अंजान होंगे।

लौंग खाने के ये हैं आश्‍चर्यजनक फायदे


1. लौंग को मुंह में रख कर उसका रस चूसने से खांसी ख़त्म होती है। जब तक मुंह में लोंग रहती है तब तक खांसी बंद ही रहती है।
2. लौंग को मुंह में रख कर चूसने से मुंह और श्वास की बदबू दूर हो जाती है।
3. लौंग के तेल की कुछ बुंदे किसी स्वच्छ कपडे के टुकड़े पर टपकाकर, उस कपडे को बार-बार सूंघने से प्रतिषय (जुकाम) की समस्या ठीक हो जाता है साथ ही नाक भी बंद नहीं होती है, और नाक अगर बंद हो तो खुल जाती है।
4. लौंग को पानी के साथ पीसकर 100 ग्राम पानी में मिलाकर, छानकर मिश्री मिलाकर पिने से ह्रदय की जलन विकृति दूर होती है। पेट में जलन होना बंद हो जाती है।
5. वात विकार व जोड़ों के दर्द में लौंग का तेल मलने से पीड़ा ख़त्म होती है।
6. लौंग को पानी के साथ पीसकर हलके गर्म पानी में मिलाकर पिने से जी मचलना बंद हो जाता है और ज्यादा प्यास लगना भी बंद हो जाती है।
7. लौंग के तेल की एक दो बुंदे बताशे पर डालकर खाने से हैजे की विकृति दूर हो जाती है।
8. लौंग को बकरी के दूध में घीसकर, नेत्रों में काजल की तरह लगाने से रतोंधी रोग ठीक हो जाता है।
9. लौंग और चिरायता दोनों बराबर मात्रा में पानी के साथ पीसकर पिलाने से बुखार ख़त्म हो जाता है।
10. एक रत्ती लौंग को पीसकर, मिश्री की चाशनी में मिलाकर चाटकर खिलाने से गर्भवती महिलाओं की उल्टियां बंद हो जाती है।

Tuesday, 18 July 2017

स्वस्थ रहने के चमत्कारिक फायदे

स्वस्थ रहने के चमत्कारिक  फायदे 


हम सभी लोगो ने यह कहावत तो जरूर ही सुनी होगी यानि की स्वस्थ शरीर ही मनुष्य का सबसे बड़ा खजाना होता है । एक सुखी स्वस्थ जीवन के लिए तन और मन दोनों का स्वस्थ होना जरुरी है । अगर हम शारीरिक रूप से स्‍वस्‍थ रहेगे , तभी हम अपने आप को सार्वजनिक एवं निजी जीवन में सफल देख पाएंगे । इसके विपरीत एक अस्वथ इन्सान हमेशा तनाव ग्रस्त हताश और परेशान दिखता है । इसीलिए अगर हमे अपने जीवन का पूरा आनंद उठाना है , तो हमे अपनी सेहत का ख्याल रखना अत्यंत ही आवश्यक है ।
जिस तरह से अच्छा घर,पैसा ,गाड़ी हमारे लिए जरुरी हैं, उसी तरह से एक Healthy Life Style को maintain करना भी बहुत ही जरुरी हैं, क्यूंकि हम स्वस्थ्य रहेंगे तभी इन चीजो का सही ढंग से उपयोग कर पाएंगे । आइये कुछ Basic के बारे में जाने 

Basic and Important Healthy Life Style Tips In Hindi

रोजमर्रा के आदतों में थोड़ा बहुत सुधार करके एक स्वस्थ जीवन की परिकल्पना कर सकते है । दिनचर्या से जुडी स्वास्थ्य और सुखी जीवन के लिएऔर उपयोगी मंत्र
पानी पीने के तरीके और नियम
☛ धरती पर पानी अमृत के समान है । पानी हमारे body को detoxify करने में काफी मदद करता है । इसलिए कोशिस करे की आप पानी प्रचूर मात्रा में पिए । पानी की मात्रा अवस्था के अनुसार ज्यादा कम हो सकती है । लेकिन चिकित्सको के अनुसार एक स्वस्थ इंसान को 10-15 ग्लास पानी पीना अनिवार्य है ।
☛ खड़े -खड़े पानी पीने से घुटनों में दर्द की बीमारी (pain in knees) होती है इसलिए खाना पीना बैठ कर करना चाहिए।
☛ ज्यादा ठंडा पानी न पिए इससे आपके ह्रदय और पाचन शक्ति पर बुरा असर पड़ता है । इसलिए अगर सम्भव हो तो हल्का गर्म पानी पिए अन्यथा सामान्य पानी का ही उपयोग करे ।
☛ सुबह उठते ही कम से कम दो ग्लास सामान्य पानी पिए । रात में तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी सुबह के समय में पीना बहुत ही उपयोगी है ।
☛ खाना खाने से आधा घंटा पहले पानी पीएं और भोजन के एक घंटा बाद पानी का सेवन करें। सोने से पूर्व भी एक गिलास पानी पीना चाहिए।
☛ पानी कभी भी अधिक मात्रा में एक साथ न पीएं। बेहतर होगा घूंट-घूंट कर पानी पीएं
☛ भोजन के बीच में पानी पीने से पाचन तंत्र में गड़बड़ हो सकती है।
नींद की मात्रा व गुणवत्ता । Early to Bed and Early to Rise
☛ early to bed and early to rise यानि की उचित समय से सोना और जगना । यानि की सूर्योदय से पहले उठना और रात्रि में खाने के 1.30 – 2 घंटे बाद ही सोना चाहिए ।
☛ नींद की मात्रा व गुणवत्ता पर ध्यान देना जरुरी है रात्रि में सोने का अधिकतम समय सीमा 10-11 और सुबह 4-5 के बीच होनी चाहिए । इस तरीके आप 6-7 घंटे की नींद आराम से maintain कर सकते है । 6-7 घंटे की नींद का अंतराल होना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरुरी हैं ।
☛ कभी भी बेड से सीधे न उठें। पहले साइड में करवट लें, फिर बैठें और उसके बाद उठें।
☛ पेट के बल सोने से बचना चाहिए,पीठ के बल सोएं अथवा बाये या दायें करवट सोये
☛ गद्दा सख्त होना चाहिए । तकिया बहुत सॉफ्ट या हार्ड नहीं होना चाहिए।
☛ रात्री में सोने से पूर्व दाँतों की सफाई, नैत्रों की सफाई एवं पैरों को शीतल जल से धोकर सोना चाहिए
☛ रात्री में शयन से पूर्व अपने किये गये कार्यों की समीक्षा कर अगले दिन की कार्य योजना बनानी चाहिए। तत्पश्चात् गहरी एवं लम्बी सहज श्वास लेकर शरीर को एवं मन को शिथिल करना चाहिए। शान्त मन से अपने दैनिक क्रियाकलाप, तनाव, चिन्ता, विचार सब परात्म चेतना को सौंपकर निश्चिंत भाव से निद्रा की गोद में जाना चाहिए।
स्वास्थ्यप्रद भोजन | Healthy Diet Plan in Hindi
☛ भोजन सादा करो एवं उसे प्रसाद रूप में ग्रहण करो, शांत, प्रसन्न और निश्चिन्तता पूर्वक करो और उसे अच्छी तरह चबाचबा कर खाओ। खाते समय न बात करो और न हंसो। एकाग्र चित्त होकर भोजन करना चाहिए।
☛ खाना हमेशा संतुलित मात्रा में खाएं अर्थात भूख से कम ही खाएं।
☛ भोजन के तुरन्त बाद दौड़ना, तैरना, नहाना, मैथुन करना स्वास्थ्य के बहुत हानिकारक है।
☛ स्वस्थ और पौष्टिक आहार का सेवन करे, जंक और फ़ास्ट फूड जैसे चीजो कम खाये । वैसे कोशिस तो यही होनी चाहिए की न ही खाये
☛ प्रोस्सेड फूड की जगह ताजे फल-सब्जियों को तवज्जो दे ।
☛ सम्भव हो तो एक दिन व्रत यानि की उपवास अवश्य रखे जिससे आपका liver detoxify होकर recover हो सके
☛ दिन भर energetic रहने के लिए सुबह का नाश्ता बहुत जरुरी होता हैं, इसे कभी miss न करे । नाश्ते के रूप में अंकुरित अनाज ,पोहा, उपमा, वीट फ्लेक्स आदि में से लें सकते हैं, साथ ही 1 गिलास दूध अथवा फ्रूट जूस को अपने ब्रेकफास्ट में शामिल करे ।
☛ लंच में चावल, दाल, सलाद, दही व सब्जियां को शामिल करें
☛ देर रात डिनर में गरिष्ट खाना खाने से बचे और सोने से 1.5-2 घंटे पहले डिनर ले ले ।
सक्रिय रहे | Be Active
☛ अपने दिनचर्या में कुछ समय व्यायाम,योग,प्रणायाम तथा ध्यान के लिए अवश्य रखे । इसके लिए आप तैराकी, जॉगिंग, साइकिलिंग, स्किप्पिनंग (रस्सी कूदना) जैसे आसान अभ्याश कर सकते है
ब्रह्मचर्य जीवन का पालन
☛ विवाह से पूर्व ब्रह्मचर्य जीवन निर्वहन करे । नहीं तो पुरुषो और स्त्रियो में सेक्स संभन्धी समस्या का सामना करना पड़ सकता है जिसमे गर्भधारण और शुक्राणु की समस्या आम है ।

Important Health tips 

☛ सिगरेट,शराब घुटका जैसे नशीली और संवेदलशील पदार्थो का सेवन बिल्कुल भी न करे ।
☛ Improve immunity power, बेहतर रोग प्रतिरोधी क्षमता बीमारियों की संभनावो को कम करती है
☛ weight को control में रखना जरुरी है ध्यान रखे की हमारा शरीर न तो overweight हो और न ही underweight
☛ समय समय पर स्वास्थ्य संबंधी जरुरी जाँच करवाते रहना चाहिए जिससे की किसी खतरनाक बिमारी से बचा जा सके
☛ स्वयं को विश्राम के लिए पर्याप्त समय दें
☛ अनावश्यक बालों को साफ करते रहें । बालों को हमेशा सँवार कर रखें। अपने बालों में तेल का नियमित उपयोग करें। बाल छोटे और साफ रखें,
☛ जरुरी दिनचर्या जैसे शौच, ब्रश, स्नान जैसी जरुरी आदतों को करना न भूले और एक निश्चित समय अंतराल पर करे ।
☛ मल-मू.त्र के वेग को कभी नहीं रोकना चाहिए अन्यथा पेट अथवा मूत्र रोग हो सकता है।
☛ किसी भी प्रकार का stress बिलकुल भी न ले स्वयं खुश रहे और दूसरो को भी खुश रखने की कोशिस करे । क्योंकि एक कहावत के अनुसार चिन्ता चिता के समान होती है ।
☛ अंग्रेजी दवाओ की जगह हमारे द्वारा सुझाये गए विभिन्न रोगों के आयुर्वेदिक और घरेलु नुस्खों का इस्तेमाल करे क्योंकि अंग्रेजी दवाओ के काफी side effects देखनो को मिलते है ।
और हमारी ये पोस्ट आपको कैसी लगी इस बारे में हमे comment के माध्यम से जरुर बताएं और शेयर लाइक करना न भूले जिससे यह ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचे

सौंफ खाने के चमत्कारी लाभ जाने

सौंफ खाने के चमत्कारी  लाभ जाने 

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नमस्कार दोस्तों हेल्थ टिप्स इन हिंदी वेबसाइट में आपका स्वागत है. आज इस पोस्ट में हम लोग बात करेंगे सौंफ खाने के फायदे के बारे में, सौंफ क्यों खाना चाहिए और इसके खाने से क्या-क्या फायदे होते हैं इसकी पूरी जानकारी हम आपको इस पोस्ट के जरिए आप लोगों को देने वाले हैं, सौंफ के गुणों को जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़िए और अगर आपको पोस्ट अच्छी लगे तो अपने फेसबुक टाइम लाइन पर अपने दोस्तों के बीच इसको जरूर शेयर करें.

सौंफ खाने के फायदे और इसके गुण – Benefit Of Fennel In Hindi

दोस्तों सौंफ से कौन परिचित नहीं है सौंफ का उपयोग अचार बनाने में या मसाले में अधिक प्रयोग होता है जिससे अचार या मसालों का स्वाद बढ़ जाता है और कुछ सब्जियां या कढी में और सूप में भी सौंफ को दाल जाता है. और हमारे भारत में पान में सौंफ मीठे पान में डालकर जरूर खाई जाती हैं. क्या आपने कभी सोचा है यह साधारण सी दिखने वाली चीज़ कितने चमत्कारी गुणों से भरपूर है और उसको खाने से क्या-क्या फायदे होते हैं सौंफ का उपयोग कई तरह के व्यंजन बनाने में या फिर मीठी और नमकीन चीजों में उनका स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है. सौंफ की तासीर ठंडी होती है और गर्मी के मौसम में आपके शरीर में ठंडाई को बनाए रखने के लिए आप कभी कभी सौंफ और मिश्री के दाने  जरूर चबा लिया करें.
सौंफ का प्रयोग इत्र (Perfume) बनाने में भी किया जाता है. और इसमें मौजूद गुण आप को तंदुरुस्त रखने में मदद करते हैं. एक बात आपने शायद कभी गौर की हो जब आप किसी होटल या रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं तो वहां रिसेप्शन टेबल पर आपको मिश्री के दाने और सौंफ जरूर से मिलती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें भोजन को जल्दी पचाने की शक्ति होती है और इससे खाना जल्दी पक जाता है इसलिए सभी होटलों में यह आपको उनके रिसेप्शन काउंटर पर ज़रूर देखने को मिलती है. सौंफ खाने के फायदे ये भी हैं के भोजन के बाद उसको खाने से खाना भी जल्दी पक जाता है और आपके मुंह से दुर्गंध आना भी बंद हो जाती है.

सौंफ के औषधीय गुण – सौंफ खाने के फायदे

इसके अलावा सौंफ आपकी याददाश्त को तेज करती है और आंखों की रोशनी के लिए भी यह बहुत फायदेमंद साबित होती है, सौंफ खाने से खांसी की बीमारी ठीक हो जाती है, और आपके शरीर में जो कोलेस्ट्रोल का लेवल होता है ये उसको कंट्रोल करने में भी बहुत मदद करती है सौंफ में कैल्शियम, सोडियम, आयरन, पोटैशियम, जैसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को सेहतमंद रखने में सहायता करते हैं
  • बादाम मीठी सौंफ और मिश्री इन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस कर किसी कांच के बर्तन में रख लें और रोजाना सुबह शाम दोनो टाइम खाना खाने के बाद एक चम्मच पानी या दूध के साथ इसे देने से आपकी स्मरण शक्ति काफी बढ़ जाती है.
  • जिन महिलाओं को या लड़कियों को मासिक चक्र यानी के पीरियड समय पर ना आता हो तो उन्हें सौंफ और गुड़ इन दोनों को बराबर मिलाकर कुछ दिन लगातार खाने से यह समस्या दूर हो जाती है और उनका पीरियड सही समय पर आना चालू हो जाता है.
  • सौंफ खाने से आपकी आंखों की रोशनी भी बढ़ती है इसका स्वाद बढ़ाने के लिए आप सौंफ के साथ थोड़ा मिश्री के दाने लाकर रख लें और दिन में दो या तीन बार इसका सेवन नियमित रूप से करने की आदत डालें, इससे आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती है और जिनको चश्मा लगा हो उनका नंबर कम करने में यह काफी सहायक होती है.
  • सामान्य पेट दर्द में भुनी हुई सौंफ को चबाकर खाने से कुछ ही देर में पेट दर्द में आराम मिल जाता है.
  • अक्सर कुछ लोगों के मुंह से कुछ ज्यादा ही दुर्गंध आती है और ऐसे में अगर हम किसी के पास बैठ कर बात करते हैं तो यह बहुत शर्मनाक हो जाता है मुंह की दुर्गंध से पीछा छुड़ाने के लिए आप नियमित रूप से भोजन के बाद दिया वैसे ही दिन में दो तीन बार सौंफ को चबाना शुरू कर दें कुछ ही दिन में आपकी ये समस्या दूर हो जाएगी.
  • किसी किसी को खट्टी डकारें आने की दिक्कत रहती है ऐसे मैं उन्हें सौंफ और मिश्री को पानी के साथ उबालकर पीने से खट्टी डकारें आने में आराम मिलता है
  • सौंफ आपके शरीर में ब्लड प्यूरीफायर (खून साफ़) का काम भी करती है इससे खून साफ होता है और आपकी त्वचा भी चमकदार बनती है इसीलिए आपके लिए रोजाना सौंफ का सेवन बहुत फायदेमंद साबित होगा और उसे किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता. अभी आप पढ़ रहे थे सौंफ खाने के फायदे और इसके गुणों के बारे में यह पोस्ट आपको कैसी लगी हमें नीचे कमेंट करके बताइए और अगर स्वास्थ सम्बन्धी कोई 
  • सलाह लेना हो या कोई सुझाव देना चाहें तो आप हमें यहाँ लिख सकते हैं और साथ ही हमारा फेसबुक फेनपेज ज़रूर लाईक करें.

Monday, 17 July 2017

पेट के रोग का उपचार

पेट के रोग का उपचार

पेट ही हर बीमारी की जड़ होता है। ज्यादातर रोग पेट की खराबी की वजह से होते हैं। यदि पेट बिगड़ता है तो सारा शरीर गड़बड़ा जाता है। पेट में ही भोजन पचाने वाल जटारग्नि भी होती है। जब यह मंद पड़ती है तब पेट फूलनाए पेट दर्द, अफरा, अर्जीण, पेट में गैस, वायु गोला, खूनी दस्त,अतिसार और पेचिश व मरोड़ होने लगती है। कैस आप इन सभी रोगों को दूध और घी के बताए जाने वाले प्रयोगों से कर सकते हो वैदिक वाटिका आपको बता रही है।
सामान्य पेट का दर्द
पेट में सामान्य दर्द होने का मुख्य कारण है अधिक चटपटी चीजें खाने व पीने से पेट में गैस होने की वजह से, मल के रूकने के कारण और आंतों में खराबी आदि होने की वजह से होता है।
पेट दर्द के मुख्य लक्षण
मल का त्याग न हो पाना
पेट में गुड़गुडाहट होना
अफर होना
खट्टी डकारें आना
पेट का फूलना
पेट में तेज दर्द होना आदि मुख्य लक्षण होते हैं।
पेट के रोग का उपचार
वैदिक उपचार पेट के रोगों से मुक्त होने के लिए

पेट पर हमेशा देसी घी की मालिश करें।
रात को सोते समय में दूध में शहद को मिलाकर सेवन करें।
रात के समय में एक चम्मच इसबगोल की भूसी को दूध में मिलाकर पीना चाहिए।
एक गिलास दूध में लहुसुन की पंद्रह बूंदों को डालकर पीने से वायु गोले यानि पेट की गैस से निजात मिलता है।
हमेशा खाना हल्का ही खाएं।
चटपटी चीजों का सेवन बहुत ही कम कर दें।
अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें। पानी पीने से पेट की गंदगी मल के रास्त बाहर चली जाती है जिसकी वजह से पेट को होने वाले रोग भी आसानी ठीक हो जाते हैं।

इन वैदिक उपचारों को करने से आप पेट की समस्त बीमारियों से बच सकते हो। यदि आपका पेट ठीक रहेगा तो आप निरोग रहोगे। इसलिए जरूरी है कि आपका पेट ठीक रहे।